पहले छह ओवर और सामने शाहीन अफरीदी, हारिस रऊफ. पर आज न कोई डर था, न झिझक. आज सिर्फ एक आग थी जीत की, सम्मान की, और नए हिंदुस्तान की. जब अभिषेक ने पहला छक्का मारा, तो लगा जैसे भारत की धड़कनों ने एक नई ताल पकड़ी हो.और जब शुभमन ने अगली गेंद को चौके के लिए भेजा,तो हर हिंदुस्तानी के चेहरे पर मुस्कान तैर गई ये थे हमारे जवाब, बल्ले से, हौसले से उन लोगों के लिए जिनके लिए हर खुशी उनके बंदूक में बसती है.
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Sunday, September 21, 2025
अभिषेक-शुभमन ने चलाया मैदान पर ब्रम्होस, बंदूक चलाने वालों की बोलती बंद
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